बुधवार, 9 नवंबर 2011

सिर्फ यूपी में भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान क्यों?

ऐसा लग रहा है जैसे भारत जैसे महादेश का पूरा भ्रष्टाचार सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही सिमट गया है या यूपी में भ्रष्टाचार का अलख जगा दिया जाए तो समूचे देश में जागृती अपने आप आ जायेगी. शायद इसीलिए बाबा रामदेव, श्री श्री रविशंकर अभियान केवल यूपी में चला रहे हैं. टीम अन्ना भी यूपी में ही अभियान चलाना चाहती है, कुछेक काम तो कर भी लिया. हिसार में तो एनजीओ के गैर राजनीतिक चरित्र का मुजाहिरा बड़े भी भौडे तरीके से हो ही चुका है. लम्बे मौन व्रत के बाद बुद्धत्व को प्राप्त करने के बाद अन्ना हजारे का अंतिम ज्ञान या सत्य यही सामने आया कि मेरा जन लोकपाल पास नहीं करते तो विधान सभा चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ खुलकर प्रचार करूंगा. (फिलहाल अन्ना यह मानकर चल रहे हैं कि शीतकालीन सत्र में बिल पास नहीं होगा).

यूपी में ही सब पिल पड़े, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात राजस्थान बंगाल बिहार आन्ध्र कर्नाटक आदि आदि प्रदेश में यह सब करने की जरूरत महसूस नहीं कर रहे हैं. पहली, दूसरी, तीसरी नजर में सिर्फ यही लगता है अन्ना, बाबा श्री श्री ने सुपारी ले रखी कि आपकी खोयी गरिमा, सत्ता  इस चुनाव में वापस लेकर आयेंगे ही. भाजपा की रणनीति, नीयत साफ है. उसके संगी - सहयोगी भी लग गए हैं.  वास्तव में ये सारे लोग कोई कुछ भी कहे भाजपा की बी-सी आदि टीम ही है. यूपी में भाजपा की हालत लम्बे समय से बहुत ख़राब है. कांग्रेस के नौजवान नेता को नानी सहित पर नाना के प्रतिष्ठा की पुनर्स्थापना का दायित्व मिला हुआ है. बहन जी और मुलायम ने जी भरकर राज्य को भोग लिया. कांग्रेस और भाजपा को काफी उम्मीदें हैं. ऐसे में अब समय आ गया है कि सब कुछ दांव पर लगा दिया जाए. लग भी गया, लेकिन इस प्रक्रिया में बहुत से लोग भविष्य में नंगे भी हो जायेंगे. उनमें बाबाओं सहित नए मसीहा भी शामिल होंगे.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें